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12 क्योंकि ऐसे काम जिन्हें वे गुपचुप करते हैं, उनके बारे में की गयी चर्चा तक लज्जा की बात है। 13 ज्योति जब प्रकाशित होती है तो सब कुछ दृश्यमान हो जाता है 14 और जो कुछ दृश्यमान हो जाता है, वह स्वयं ज्योति ही बन जाता है। इसीलिए हमारा भजन कहता है:

“अरे जाग, हे सोने वाले!
    मृतकों में से जी उठ बैठ,
तेरे ही सिर स्वयं मसीह प्रकाशित होगा।”

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