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15 इसलिए भाईयों ने प्रशासक को देने के लिए भेंटें लीं और उन्होंने जितना धन पहले लिया था उसका दुगना धन अपने साथ लिया। बिन्यामीन भाईयों के साथ मिस्र गया।

भाई यूसुफ के घर निमन्त्रित होते हैं

16 मिस्र में यूसुफ ने उनके साथ बिन्यामीन को देखा। यूसुफ ने अपने सेवक से कहा, “उन व्यक्तियों को मेरे घर लाओ। एक जानवर मारो और पकाओ। वे व्यक्ति आज दोपहर को मेरे साथ भोजन करेंगे।” 17 सेवक को जैसा कहा गया था वैसा किया। वह उन व्यक्तियों को यूसुफ के घर लाया।

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