Add parallel Print Page Options

29 तब यूसुफ ने अपने भाई बिन्यामीन को देखा। (बिन्यामीन और यूसुफ की एक ही माँ थी) यूसुफ ने कहा, “क्या यह तुम लोगों का सबसे छोटा भाई है जिसके बारे में तुम ने बताया था?” तब यूसुफ ने बिन्यामीन से कहा, “परमेश्वर तुम पर कृपालु हो।”

30 तब यूसुफ कमरे से बाहर दौड़ गया। यूसुफ बहुत चाहता था कि वह अपने भाईयों को दिखाए कि वह उनसे बहुत प्रेम करता है। वह रोने—रोने सा हो रहा था, किन्तु वह नहीं चाहता था कि उसके भाई उसे रोता देखें। इसलिए वह अपने कमरे में दौड़ता हुआ पहुँचा और वहीं रोया। 31 तब यूसुफ ने अपना मुँह धोया और बाहर आया। उसने अपने को संभाला और कहा, “अब भोजन करने का समय है।”

Read full chapter