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14 साथी विश्वासी अच्छे कामों में जुट जाना सीखें कि रोज़ की ज़रूरतें पूरी हों और वे निष्फल न हो जाएँ.

15 उनकी ओर से, जो मेरे साथ हैं, नमस्कार तथा जो विश्वास के कारण हमसे प्रेम करते हैं, उनको नमस्कार.

तुम सब पर अनुग्रह बना रहे.

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