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31 “हम प्रतिज्ञा करते हैं कि सब्त के दिन काम नहीं करेंगे और यदि हमारे आस—पास रहने वाले लोग सब्त के दिन बेचने को अनाज या दूसरी वस्तुएँ लायेंगे तो विश्राम के उस विशेष दिन या किसी भी अन्य विशेष के दिन, उन वस्तुओं को नहीं खरीदेंगे। हर सातवें बरस हम न तो अपनी धरती को जोतेंगे और न बोएंगे, तथा हर सातवें वर्ष चक्र में हम दूसरे लोगों को दिये गये हर कर्ज को माफ़ कर देंगे।

32 “परमेश्वर के भवन का ध्यान रखने के लिये उसके आदेशों पर चलने के उत्तरदायित्व को हम ग्रहण करेंगे। हम हर साल एक तिहाई शेकेल हमारे परमेश्वर के सम्मान में भवन की सेवा, उपासना को बढ़ावा देने के लिये दिया करेंगे। 33 इस धन से उस विशेष रोटी का खर्च चला करेगा जिसे याजक मन्दिर की वेदी पर अर्पित करता है। इस धन से ही अन्नबलि और होमबलि का खर्च उठाया जायेगा। सब्त नये चाँद के त्यौहार तथा दूसरी सभाओं पर इसी धन से खर्चा होगा। उन पवित्र चढ़ावों और पापबलियों पर खर्च भी इस धन से ही किया जायेगा जिनसे इस्राएल के लोग शुद्ध बनते हैं। इस धन से ही हर उस काम का खर्च चलेगा जो हमारे परमेश्वर के मन्दिर के लिए आवश्यक है।

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