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एक उत्तम पत्नी के साथ पति खुश और गर्वीला होता है। किन्तु वह पत्नी जो अपने पति को लजाती है वह उसको शरीर की बीमारी जैसे होती है।

धर्मी की योजनाएँ न्याय संगत होती हैं जबकि दुष्ट की सलाह कपटपूर्ण रहती है।

दुष्ट के शब्द घात में झपटने को रहते हैं। किन्तु सज्जन की वाणी उनको बचाती है।

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