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नीतिवचन 23:27-30
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
नीतिवचन 23:27-30
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
27 क्योंकि एक वेश्या गहन गर्त होती है। और मन मौजी पत्नी एक संकरा कुँआ। 28 वह घात में रहती है जैसे कोई डाकू और वह लोगों में विश्वास हीनों की संख्या बढ़ाती है।
—18—
29-30 कौन विपत्ति में है कौन दुःख में पड़ा है कौन झगड़े—टंटों में किसकी शिकायतें हैं कौन व्यर्थ चकना चूर किसकी आँखें लाल हैं वे जो निरन्तर दाखमधु पीते रहते हैं और जिसमें मिश्रित मधु की ललक होती है!
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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International