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उन्होंने, जो सिंहासन पर विराजमान हैं, कहा, “देखो! अब मैं नई सृष्टि की रचना कर रहा हूँ!” तब उन्होंने मुझे सम्बोधित करते हुए कहा, “लिखो, क्योंकि जो कुछ कहा जा रहा है, सच और विश्वासयोग्य है.”

तब उन्होंने आगे कहा, “सब पूरा हो चुका! मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूँ—आदि तथा अन्त. मैं उसे, जो प्यासा है, जीवन-जल के सोतों से मुफ्त में पीने को दूँगा. जो जयवन्त होगा, उसे यह उत्तराधिकार प्राप्त होगा: मैं उसका परमेश्वर होऊँगा, और वह मेरी सन्तान.

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