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वह मुझसे फिर बोला, “सब कुछ पूरा हो चुका है। मैं ही अल्फा हूँ और मैं ही ओमेगा हूँ। मैं ही आदि हूँ और मैं ही अन्त हूँ। जो भी प्यासा है मैं उसे जीवन-जल के स्रोत से सेंत-मेंत में मुक्त भाव से जल पिलाऊँगा। जो विजयी होगा, उस सब कुछ का मालिक बनेगा। मैं उसका परमेश्वर होऊँगा और वह मेरा पुत्र होगा। किन्तु कायरों अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूटोना करने वालों मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बँटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है।”

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