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22 इस पर अग्रिप्पा ने फेस्तुस से कहा, “इस व्यक्ति की सुनवाई मैं स्वयं करना चाहता हूँ।”

फेस्तुस ने कहा, “तुम उसे कल सुन लेना।”

23 सो अगले दिन अग्रिप्पा और बिरनिके बड़ी सजधज के साथ आये और उन्होंने सेनानायकों तथा नगर के प्रमुख व्यक्तियों के साथ सभा भवन में प्रवेश किया। फेस्तुस ने आज्ञा दी और पौलुस को वहाँ ले आया गया।

24 फिर फेस्तुस बोला, “महाराजा अग्रिप्पा तथा उपस्थित सज्जनो! तुम इस व्यक्ति को देख रहे हो जिसके विषय में समूचा यहूदी-समाज, यरूशलेम में और यहाँ, मुझसे चिल्ला-चिल्ला कर माँग करता रहा है कि इसे अब और जीवित नहीं रहने देना चाहिये।

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