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प्रेरित 17:28-30
Saral Hindi Bible
प्रेरित 17:28-30
Saral Hindi Bible
28 क्योंकि उन्हीं में हमारा जीवन, हमारा चलना फिरना तथा हमारा अस्तित्व बना है—ठीक वैसा ही जैसा कि आप ही के अपने कुछ कवियों ने भी कहा है: ‘हम भी उनके वंशज हैं.’”
29 “इसलिए परमेश्वर के वंशज होने के कारण हमारी यह धारणा अनुचित है कि ईश्वरत्व सोने-चांदी, पत्थर, कलाकार की कलाकृति तथा मानव-विचार के समान है. 30 अब तक तो परमेश्वर इस अज्ञानता की अनदेखी करते रहे हैं किन्तु अब परमेश्वर हर जगह हरेक व्यक्ति को पश्चाताप का बुलावा दे रहे हैं
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Saral Hindi Bible (SHB)
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