Add parallel Print Page Options

तूने सागरों की सीमाएँ बाँध दी
    और जल फिर कभी धरता को ढकने नहीं जाएगा।

10 हे परमेश्वर, तूने ही जल बहाया।
    सोतों से नदियों से नीचे पहाड़ी नदियों से पानी बह चला।
11 सभी वन्य पशुओं को धाराएँ जल देती हैं,
    जिनमें जंगली गधे तक आकर के प्यास बुझाते हैं।

Read full chapter