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12 मैं उन लोगों से घिरा हूँ,
    जो शक्तिशाली साँड़ों जैसे मुझे घेरे हुए हैं।
13 वे उन सिंहो जैसे हैं, जो किसी जन्तु को चीर रहे हों
    और दहाड़ते हो और उनके मुख विकराल खुले हुए हो।

14 मेरी शक्ति
    धरती पर बिखरे जल सी लुप्त हो गई।
मेरी हड्डियाँ अलग हो गई हैं।
    मेरा साहस खत्म हो चुका है।

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