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20 क्या हम अपने परमेश्वर का नाम भूले?
    क्या हम विदेशी देवों के आगे झुके? नहीं!
21 निश्चय ही, परमेश्वर इन बातों को जानता है।
    वह तो हमारे गहरे रहस्य तक जानता है।
22 हे परमेश्वर, हम तेरे लिये प्रतिदिन मारे जा रहे हैं।
    हम उन भेड़ों जैसे बने हैं जो वध के लिये ले जायी जा रहीं हैं।

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