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16 बाशान पर्वत, तुम क्यों सिय्योन पर्वत को छोटा समझते हो
    परमेश्वर उससे प्रेम करता है।
    परमेश्वर ने उसे वहाँ सदा रहने के लिए चुना है।
17 यहोवा पवित्र पर्वत सिय्योन पर आ रहा है।
    और उसके पीछे उसके लाखों ही रथ हैं
18 वह ऊँचे पर चढ़ गया।
    उसने बंदियों कि अगुवाई की;
उसने मनुष्यों से यहाँ तक कि
    अपने विरोधियों से भी भेंटे ली।
यहोवा परमेश्वर वाहाँ रहने गया।

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