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25 उनके विचारों के विषय में मालूम होने पर येशु ने उनसे कहा, “कोई भी ऐसा राज्य, जिसमें फूट पड़ी हो, मिट जाता है. कोई भी नगर या परिवार फूट की स्थिति में स्थिर नहीं रह पाता. 26 यदि शैतान ही शैतान को बाहर निकाला करे तो वह अपना ही विरोधी हो जाएगा, तब भला उसका शासन स्थिर कैसे रह सकेगा? 27 यदि मैं प्रेतों को शैतान के सहयोग से बाहर निकाला करता हूँ तो फिर तुम्हारी सन्तान उनको कैसे बाहर करती है? परिणामस्वरूप वे ही तुम पर आरोप लगाएँगे.

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