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14 इसलिए तुम्हारे स्वर्गीय पिता नहीं चाहते कि इन छोटों में से एक भी छोटा नाश हो.

पापिष्ठ विश्वासी के विषय में निर्देश

15 “यदि कोई सहविश्वासी तुम्हारे विरुद्ध[a] कोई अपराध करे तो जा कर उस पर उसका दोष प्रकट कर दो, किन्तु यह मात्र तुम दोनों के मध्य ही हो. यदि वह तुम्हारी सुन ले तो तुमने उसे पुनः प्राप्त कर लिया. 16 किन्तु यदि वह तुम्हारी न माने तब अपने साथ एक या दो को उसके पास ले जाओ कि दो या तीन गवाहों के सामने सच की पुष्टि हो जाए.

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Footnotes

  1. 18:15 कुछ प्राचीनतम पाण्डुलिपियों मूल हस्तलेखों में: “तुम्हारे विरुद्ध” शब्द पाए नहीं जाते.