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येशु के आगे-आगे जाता हुआ तथा पीछे-पीछे आती हुई भीड़ ये नारे लगा रही थी:[a]

“दाविद की सन्तान की होशान्ना!

“धन्य है, वह जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं.

“सबसे ऊँचे स्थान में होशान्ना!”

10 जब येशु ने येरूशालेम नगर में प्रवेश किया, पूरे नगर में हलचल मच गई. उनके आश्चर्य का विषय था: “कौन है यह?”

11 भीड़ उन्हें उत्तर दे रही थी, “यही तो हैं वह भविष्यद्वक्ता—गलील के नाज़रेथ के येशु.”

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Footnotes

  1. 21:9 इब्री भाषा के इस शब्द का आशय होता है “बचाइए!” जो यहाँ स्तवन की अभिव्यक्ति के रूप में प्रयुक्त किया गया है.