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10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए गए हैं
    क्योंकि स्वर्ग-राज्य उन्हीं का है.

11 “धन्य हो तुम, जब लोग तुम्हारी निन्दा करें और सताएं तथा तुम्हारे विषय में मेरे कारण सब प्रकार के बुरे विचार फैलाते हैं. 12 हर्षोल्लास में आनन्द मनाओ क्योंकि तुम्हारा प्रतिफल स्वर्ग में है. उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को भी इसी रीति से सताया था, जो तुमसे पहले आए हैं.

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