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मत्तियाह 5:28-30
Saral Hindi Bible
मत्तियाह 5:28-30
Saral Hindi Bible
28 किन्तु मेरा तुमसे कहना है कि हर एक, जो किसी स्त्री को कामुक दृष्टि से मात्र देख लेता है, वह अपने मन में उसके साथ व्यभिचार कर चुका. 29 यदि तुम्हारी दायीं आँख तुम्हारे लड़खड़ाने का कारण बनती है तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे सारे शरीर को नर्क में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो. 30 यदि तुम्हारा दायाँ हाथ तुम्हें विनाश के गड्ढे में गिराने के लिए उत्तरदायी है तो उसे काट कर फेंक दो. तुम्हारे सारे शरीर को नर्क में झोंक दिया जाए इससे तो उत्तम यह है कि तुम्हारे शरीर का एक ही अंग नाश हो.
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Saral Hindi Bible (SHB)
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