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धन्य वचन

(लूकॉ 6:17-26)

“धन्य हैं वे, जो दीन आत्मा के हैं
    क्योंकि स्वर्ग-राज्य उन्हीं का है.
धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं.
    क्योंकि उन्हें शान्ति दी जाएगी.
धन्य हैं वे, जो नम्र हैं
    क्योंकि पृथ्वी उन्हीं की होगी.

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