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12 तब वे समझ गये कि रोटी के ख़मीर से नहीं बल्कि उसका मतलब फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं से बचे रहने से है।

यीशु मसीह है

(मरकुस 8:27-30; लूका 9:18-21)

13 जब यीशु कैसरिया फिलिप्पी के प्रदेश में आया तो उसने अपने शिष्यों से पूछा, “लोग क्या कहते हैं, कि मैं कौन हूँ?”[a]

14 वे बोले, “कुछ कहते हैं कि तू बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना है, और दूसरे कहते हैं कि तू एलिय्याह[b] है और कुछ अन्य कहते हैं कि तू यिर्मयाह[c] या भविष्यवक्ताओं में से कोई एक है।”

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Footnotes

  1. 16:13 मैं कौन हूँ शाब्दिक, “मनुष्य का पुत्र।”
  2. 16:14 एलिय्याह एक भविष्यवक्ता था जो यीशु से सैकड़ों साल पहले हुआ था और लोगों को परमेश्वर के बारे में बताता था।
  3. 16:14 यिर्मयाह एक भविष्यवक्ता जो यीशु से सैकड़ों साल पहले लोगों को परमेश्वर के बारे में बताता था।