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16 उसी समय से यहूदा यीशु को धोखे से पकड़वाने की ताक में रहने लगा।

यीशु का अपने शिष्यों के साथ फ़सह भोज

(मरकुस 14:12-21; लूका 22:7-14; 21-23; यूहन्ना 13:21-30)

17 बिना ख़मीर की रोटी के उत्सव के पहले दिन यीशु के शिष्यों ने पास आकर पूछा, “तू क्या चाहता है कि हम तेरे खाने के लिये फ़सह भोज की तैयारी कहाँ जाकर करें?”

18 उसने कहा, “गाँव में उस व्यक्ति के पास जाओ और उससे कहो, कि गुरु ने कहा है, ‘मेरी निश्चित घड़ी निकट है, मैं तेरे घर अपने शिष्यों के साथ फ़सह पर्व मनाने वाला हूँ।’”

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