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मारक 12:32-34
Saral Hindi Bible
मारक 12:32-34
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32 उस शास्त्री ने मसीह येशु से कहा, “अति सुन्दर, गुरुवर! आपका कहना हमेशा ही सत्य है. वही एकमात्र हैं—उनके अतिरिक्त और कोई नहीं है 33 तथा उनसे ही सारे हृदय, सारे समझ तथा सारी शक्ति से प्रेम करना तथा अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करना सभी बलियों तथा आग-बलियों से बढ़कर है.”
34 जब मसीह येशु ने यह देखा कि उसने बुद्धिमानी से उत्तर दिया है, उन्होंने उससे कहा, “तुम परमेश्वर के राज्य से दूर नहीं हो.”
इसके बाद किसी में भी उनसे और प्रश्न करने का साहस न रहा.
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Saral Hindi Bible (SHB)
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