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29 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस वर्ग को किसी अन्य उपाय द्वारा निकाला ही नहीं जा सकता—सिवाय प्रार्थना के.”[a]

30 वहाँ से निकल कर उन्होंने गलील प्रदेश का मार्ग लिया. मसीह येशु नहीं चाहते थे कि किसी को भी इस यात्रा के विषय में मालूम हो. 31 इसलिए कि मसीह येशु अपने शिष्यों को यह शिक्षा दे रहे थे, “मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथों पकड़वा दिया जाएगा. वे उसकी हत्या कर देंगे. तीन दिन बाद वह मरे हुओं में से जीवित हो जाएगा.”

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Footnotes

  1. 9:29 कुछ हस्तलेखों में अतिरिक्त उपवास और प्रार्थना के.