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अरी ओ मोआब की स्त्रियों,
    अर्नोन की नदी को पार करने का प्रयत्न करो।
वे सहारे के लिये इधर—उधर दौड़ रही हैं।
    वे ऐसी उन छोटी चिड़ियों जैसी है जो धरती पर पड़ी हुई है जब उनका घोंसला गिर चुका।
वे पुकार रही हैं, “हमको सहारा दो!
    बताओ हम क्या करें! हमारे शत्रुओं से तुम हमारी रक्षा करो।
तुम हमें ऐसे बचाओ जैसे दोपहर की धूप से धरती बचाती है।
    हम शत्रुओं से भाग रहे हैं, तुम हमको छुपा लो।
    हम को तुम शत्रुओं के हाथों में मत पड़ने दो।”
उन मोआब वासियों को अपना घर छोड़ने को विवश किया गया था।
    अत: तुम उनको अपनी धरती पर रहने दो।
तुम उनके शत्रुओं से उनको छुपा लो।
    यह लूट रुक जायेगी।
शत्रु हार जायेंगे और ऐसे पुरुष जो दूसरों की हानि करते हैं,
    इस धरती से उखड़ेंगे।

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