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यशायाह 24:18-20
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 24:18-20
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
18 लोग खतरे की सुनकर डर से काँप जायेंगे।
कुछ लोग भाग जायेंगे किन्तु वे गके
और फँदों में जा गिरेंगे और उन गकों से कुछ चढ़कर बच निकल आयेंगे।
किन्तु वे फिर दूसरे फँदों में फँसेंगे।
ऊपर आकाश की छाती फट जायेगी
जैसे बाढ़ के दरवाजे खुल गये हो।
बाढ़े आने लगेंगी और धरती की नींव डगमग हिलने लगेंगी।
19 भूचाल आयेगा
और धरती फटकर खुल जायेगी।
20 संसार के पाप बहुत भारी हैं।
उस भार से दबकर यह धरती गिर जायेगी।
यह धरती किसी झोपड़ी सी काँपेगी
और नशे में धुत्त किसी व्यक्ति की तरह धरती गिर जायेगी।
यह धरती बनी न रहेगी।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International