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20 संसार के पाप बहुत भारी हैं।
    उस भार से दबकर यह धरती गिर जायेगी।
यह धरती किसी झोपड़ी सी काँपेगी
    और नशे में धुत्त किसी व्यक्ति की तरह धरती गिर जायेगी।
    यह धरती बनी न रहेगी।
21 उस समय यहोवा सबका न्याय करेगा।
    उस समय यहोवा आकाश में स्वर्ग की सेनाएँ
    और धरती के राजा उस न्याय का विषय होंगे।
22 इन सबको एक साथ एकत्र किया जायेगा।
    उनमें से कुछ काल कोठरी में बन्द होंगे
और कुछ कारागार में रहेंगे।
    किन्तु अन्त में बहुत समय के बाद इन सबका न्याय होगा।

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