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अत: सदैव यहोवा पर विश्वास करो।
    क्यों क्योंकि यहोवा याह ही तुम्हारा सदा सर्वदा के लिये शरणस्थल होगा!
किन्तु अभिमानी नगर को यहोवा ने झुकाया है
    और वहाँ के निवासियों को उसने दण्ड दियाहै।
यहोवा ने उस ऊँचे बसी नगरी को धरती पर गिराया।
    उसने इसे धूल में मिलाने गिराया है।
तब दीन और नम्र लोग नगरी के खण्डहरों को अपने पैर तले रौंदेंगे।

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