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फिर बहुत बहुत देशों का अरीएल के साथ नगर और उसके किले के विरोध में लड़ना रात के स्वप्न सा होगा। जो अचानक विलीन होता है। किन्तु उन सेनाओं को भी यह एक स्वप्न जैसा होगा। वे सेनाएँ वे वस्तु न पायेंगी जिनको वे चाहते हैं। यह वैसा ही होगा जैसे भूखा व्यक्ति भोजन का स्वप्न देखे औऱ जागने पर वह अपने को वैसा ही भूखा पाये। यह वैसा ही होगा जैसे कोई प्यासा पानी का स्वप्न देखे और जब जागे तो वह अपने को प्यासा का प्यासा ही पाये। सिय्योन के विरोध में लड़ते हुए सभी देश सचमुच ऐसे ही होंगे। यह बात उन पर खरी उतरेगी। देशों को वे वस्तु नहीं मिलेगी जिनकी उन्हें चाह है।

आश्चर्यचकित हो जाओ और अचरज मे भर जाओ।
    तुम सभी धुत्त होगे किन्तु दाखमधु से नहीं।
देखो और अचरज करो!
    तुम लड़खड़ाओगे और गिर जाओगे किन्तु सुरा से नहीं।

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