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27 हे याकूब, यह सच है!
    हे इस्राएल, तुझको इसका विश्वास करना चाहिए!
सो तू क्यों ऐसा कहता है कि “जैसा जीवन मैं जीता हूँ उसे यहोवा नहीं देख सकता!
    परमेश्वर मुझको पकड़ नहीं पायेगा और न दण्ड दे पायेगा।”

28 सचमुच तूने सुना है और जानता है कि यहोवा परमेश्वर बुद्धिमान है।
    जो कुछ वह जानता है उन सभी बातों को मनुष्य नहीं सीख सकता।
यहोवा कभी थकता नहीं,
    उसको कभी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती।
यहोवा ने ही सभी दूरदराज के स्थान धरती पर बनाये।
    यहोवा सदा जीवित है।
29 यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है।
    वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।

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