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15 मेरी कोई भी सेना तुझसे कभी युद्ध नहीं करेगी
    और यदि कोई सेना तुझ पर चढ़ बैठने का प्रयत्न करे तो तू उस सेना को पराजित कर देगा।

16 “देखो, मैंने लुहार को बनाया है। वह लोहे को तपाने के लिए धौंकनी धौंकता है। फिर वह तपे लोहे से जैसे चाहता है, वैसे औजार बना लेता है। उसी प्रकार मैंने ‘विनाशकर्त्ता’ को बनाया है जो वस्तुओं को नष्ट करता है।

17 “तुझे हराने के लिए लोग हथियार बनायेंगे किन्तु वे हथियार तुझे कभी हरा नहीं पायेंगे। कुछ लोग तेरे विरोध में बोलेंगे। किन्तु हर ऐसे व्यक्ति को बुरा प्रमाणित किया जायेगा जो तेरे विरोध में बोलेगा।”

यहोवा कहता है, “यहोवा के सेवकों को क्या मिलता है उन्हें न्यायिक विजय मिलती है। यह उन्हें मुझसे मिलती हैं।”

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