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यशायाह 55:9-11
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यशायाह 55:9-11
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
9 जैसे धरती से ऊँचे स्वर्ग हैं वैसे ही तुम्हारी राहों से मेरी राहें ऊँची हैं
और मेरे विचार तुम्हारे विचारों से ऊँचे हैं।”
ये बातें स्वयं यहोवा ने ही कहीं हैं।
10 “आकाश से वर्षा और हिम गिरा करते हैं
और वे फिर वहीं नहीं लौट जाते जब तक वे धरती को नहीं छू लेते हैं
और धरती को गीला नहीं कर देते हैं।
फिर धरती पौधों को अंकुरित करती है
और उनको बढ़ाती है और वे पौधे किसानों के लिये बीज को उपजाते हैं
और लोग उन बीजों से खाने के लिये रोटियाँ बनाते हैं।
11 ऐसे ही मेरे मुख में से मेरे शब्द निकलते हैं
और जब तक घटनाओं को घटा नहीं लेते, वे वापस नहीं आते हैं।
मेरे शब्द ऐसी घटनाओं को घटाते हैं जिन्हें मैं घटवाना चाहता हूँ।
मेरे शब्द वे सभी बातें पूरी करा लेते हैं जिनको करवाने को मैं उनको भेजता हूँ।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International