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11 यहोवा बोला, “ये बातें सच्ची हैं, इसे स्वयं प्रमाणित करने के लिए कोई संकेत माँग ले। तू जैसा भी चाहे वैसा संकेत माँग सकता है। वह संकेत चाहे गहरे मृत्यु के प्रदेश से हो और चाहे आकाश से भी ऊँचे किसी स्थान से।”

12 किन्तु आहाज़ ने कहा, “प्रमाण के रूप में मैं कोई संकेत नहीं मागूँगा। मैं यहोवा की परीक्षा नहीं लूँगा।”

13 तब यशायाह ने कहा, “हे, दाऊद के वंशजों, सावधान हो कर सुनो! तुम लोगों के धैर्य की परीक्षा लेते हो। क्या यह तुम्हारे लिए काफी नहीं है जो, अब तुम मेरे परमेश्वर के धैर्य की परीक्षा ले रहे हो

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