Add parallel Print Page Options

43 तब मैंने एक स्त्री से बातें कीं, जो व्यभिचार से शिथिल हो गई थी। मैंने उससे कहा, ‘क्या वे उसके साथ व्यभिचार करते रह सकते हैं, और वह उनके साथ करती रह सकती है’ 44 किन्तु वे उसके पास वैसे ही जाते रहे जैसे वे किसी वेश्या के पास जा रहे हों। हाँ, वे उन दुष्ट स्त्रियाँ ओहोला और ओहोलीबा के पास बार—बार गए।

45 “किन्तु अच्छे लोग उनका न्याय अपराधी के रूप में करेंगे। वे उन स्त्रियों का न्याय व्यभिचार का पाप करने वालियों और हत्यारिनों के रूप में करेंगे। क्यों क्योंकि ओहोला और ओहोलीबा ने व्यभिचार का पाप किया है और उस रक्त से उनके हाथ अब भी रंगे हैं जिन्हें उन्होंने मार डाला था।”

Read full chapter