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13 अब उस गिरे वृक्ष में पक्षी रहते हैं और इसकी गिरी शाखाओं पर जंगली जानवर चलते हैं।

14 “अब कोई भी, उस जल का वृक्ष गर्वीला नहीं होगा। वे बादलों तक पहुँचना नहीं चाहेंगे। कोई भी शक्तिशाली वृक्ष, जो उस जल को पीता है, ऊँचा होने की अपनी प्रशंसा नहीं करेगा। क्यों क्योंकि उन सभी की मृत्यु निश्चित हो चुकी है। वे सभी मृत्यु के स्थान शेओल नामक पाताल लोक में चले जाएंगे। वे उन अन्य लोगों के साथ हो जाएंगे जो मरे और नीचे नरक में चले गए।”

15 मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “उस दिन जब तक वृक्ष शेओल को गया मैंने लोगों से शोक मनवाया। मैंने गहरे जल को, उसके लिये शोक से ढक दिया। मैंने वृक्ष की नदियों को रोक दिया और वृक्ष के लिये जल का बहना रूक गया। मैंने लबानोन से इसके लिये शोक मनवाया। खेत के सभी वृक्ष इस बड़े वृक्ष के शोक से रोगी हो गए।

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