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13 तुम्हें केवल इतना करना होगा कि तुम अपने पापों को पहचानो।
    तुम यहोवा अपने परमेश्वर के विरुद्ध गए, यह तुम्हारा पाप है।
तुमने अन्य राष्ट्रों के लोगों की देव मूर्तियों को अपना प्रेम दिया।
    तुमने देव मूर्तियों की पूजा हर एक हरे पेड़ के नीचे की।
तुमने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया।”
    यह सन्देश यहोवा का था।

14 “अभक्त लोगों, मेरे पास लौट आओ।” यह सन्देश यहोवा का था। “मैं तुम्हारा स्वामी हूँ। मैं हर एक नगर से एक व्यक्ति लूँगा और हर एक परिवार से दो व्यक्ति और तुम्हें सिय्योन पर लाऊँगा। 15 तब मैं तुम्हें नये शासक दूँगा। वे शासक मेरे भक्त होंगे। वे तुम्हारे मार्ग दर्शन ज्ञान और समझ से करेंगे।

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