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16 उन दिनों तुम लोग बड़ी संख्या में देश में होगे।” यह सन्देश यहोवा का है।

“उस समय लोग फिर यह कभी नहीं कहेंगे, ‘मैं उन दिनों को याद करता हूँ जब हम लोगों के पास यहोवा का साक्षीपत्र का सन्दूक था।’ वे पवित्र सन्दूक के बारे में फिर कभी सोचेंगे भी नहीं। वे न तो इसे याद करेंगे और न ही उसके लिये अफसोस करेंगे। वे दूसरा पवित्र सन्दूक कभी नहीं बनाएंगे। 17 उस समय, यरूशलेम नगर ‘यहोवा का सिंहासन’ कहा जाएगा। सभी राष्ट्र एक साथ यरूशलेम नगर में यहोवा के नाम को सम्मान देने आएंगे। वे अपने हठी और बुरे हृदय के अनुसार अब कभी नहीं चलेंगे। 18 उन दिनों यहूदा का परिवार इस्राएल के परिवार के साथ मिल जायेगा। वे उत्तर में एक देश से एक साथ आएंगे। वे उस देश में आएंगे जिसे मैंने उनके पूर्वजों को दिया था।”

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