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किन्तु अब तुम मुझे बुलाती हो।
    ‘मेरे पिता, तू मेरे बचपन से मेरे प्रिय मित्र रहा है।’
तुमने ये भी कहा,
    ‘परमेश्वर सदैव मुझ पर क्रोधित नहीं रहेगा।
    परमेश्वर का क्रोध सदैव बना नहीं रहेगा।’

“यहूदा, तुम यह सब कुछ कहती हो,
    किन्तु तुम उतने ही पाप करती हो जितने तुम कर सकती हो।”

उन दिनों जब योशिय्याह यहूदा राष्ट्र पर शासन कर रहा था। यहोवा ने मुझसे बातें की। यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, तुमने उन बुरे कामों को देखा जो इस्राएल ने किये तुमने देखा कि उसने कैसे मेरे साथ विश्वासघात किया। उसने हर एक पहाड़ी के ऊपर और हर एक हरे पेड़ के नीच झूठी मूर्तियों की पूजा करके व्यभिचार करने का पाप किया।

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