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26 यह सुनने के बाद मैं (यिर्मयाह) जगा और अपने चारों ओर देखा। वह बड़ी आनन्ददायक नींद थी।

27 “वे दिन आ रहे हैं जब मैं यहूदा और इस्राएल के परिवारों को बढ़ाऊँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं उनके बच्चों और जानवरों के बढ़ने में भी सहायता करुँगा। यह पौधे के रोपने और देखभाल करने जैसा होगा। 28 अतीत में, मैंने इस्राएल और यहूदा पर ध्यान दिया, किन्तु मैंने उस समय उन्हें फटकारने की दृष्टि से ध्यान दिया। मैंने उन्हें उखाड़ फेंका। मैंने उन्हें नष्ट किया। मैंने उन पर अनेक विपत्तियाँ ढाई। किन्तु अब मैं उन पर उनको बनाने तथा उन्हें शक्तिशाली करने की दृष्टि से ध्यान दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।

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