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36 यहोवा यह सब कहता है, “मेरे सामने इस्राएल के वंशज उसी दशा में एक राष्ट्र न रहेंगे।
    यदि मैं सूर्य, चन्द्र, तारे और सागर पर अपना नियन्त्रण खो दूँगा।”

37 यहोवा कहता है: “मैं इस्राएल के वंशजों का कभी नहीं त्याग करुँगा।
    यह तभी संभव है यदि लोग ऊपर आसमान को नापने लगें और नीचे धरती के सारे रहस्यों को जान जायें।
    यदि लोग वह सब कर सकेंगे तभी मैं इस्राएल के वंशजों को त्याग दूँगा।
तब मैं उनको, जो कुछ उन्होंने किया, उसके लिये त्यागूँगा।”
    यह सन्देश यहोवा का है।

नया यरूशलेम

38 यह सन्देश यहोवा का है: “वे दिन आ रहे हैं जब यरूशलेम नगर यहोवा के लिये फिर बनेगा। पूरा नगर हननेल के स्तम्भ से कोने वाले फाटक तक फिर बनेगा।

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