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30 शीघ्र ही भाग निकलो!
    हासोर के लोगों, छिपने का ठीक स्थान ढूँढो।”
    यह सन्देश यहोवा का है।
“नबूकदनेस्सर ने तुम्हारे विरुद्ध योजना बनाई है।
    उसने तुम्हें पराजित करने की चुस्त योजना बनाई है।

31 “एक राष्ट्र है, जो खुशहाल है।
    उस राष्ट्र को विश्वास है कि उसे कोई नहीं हरायेगा।
उस राष्ट्र के पास सुरक्षा के लिये द्वार और रक्षा प्राचीर नहीं है।
वे लोग अकेले रहते हैं।”
    यहोवा कहता है, “उस राष्ट्र पर आक्रमण करो।”
32 “शत्रु उनके ऊँटों और पशुओं के बड़े झुण्डों को चुरा लेगा।
    शत्रु उनके विशाल जानवरों के समूह को चुरा लेगा।
मैं उन लोगों को पृथ्वी के हर भाग में भाग जाने पर विवश करूँगा जिन्होंने अपने बालों के कोनों को कटा रखा है।
    और मैं उनके लिये चारों ओर से भयंकर विपत्तियाँ लाऊँगा।”
    यह सन्देश यहोवा का है।

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