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11 इस्राएल और यहूदा के परिवार हर प्रकार से मेरे विश्वासघाती रहे हैं।”
    यह सन्देश यहोवा के यहाँ से है।

12 “उन लोगों ने यहोवा के बारे में झूठ कहा है।
उन्होंने कहा है, ‘यहोवा हमारा कुछ नहीं करेगा।
    हम लोगों का कुछ भी बुरा न होगा।
हम किसी सेना का आक्रमण अपने ऊपर नहीं देखेंगे।
    हम कभी भूखों नहीं मरेंगे।’
13 झूठे नबी मरे प्राण हैं।
    परमेश्वर का सन्देश उनमें नहीं उतरा है।
विपत्तियाँ उन पर आयेंगी।”

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