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हे यहोवा, मैं जानता हूँ कि तू लोगों में सच्चाई देखना चाहता है।
    तूने यहूदा के लोगों को चोट पहुँचाई, किन्तु उन्होंने किसी पीड़ा का अनुभव नहीं किया।
तूने उन्हें नष्ट किया, किन्तु उन्होंने अपना सबक सीखने से इन्करा कर दिया।
    वे बहुत हठी हो गए।
उन्होंने अपने पापों के लिये पछताने से इन्कार कर दिया।
किन्तु मैं (यिर्मयाह) ने अपने से कहा,
    “वे केवल गरीब लोग ही है जो उतने मूर्ख हैं।
ये वही लोग हैं जो यहोवा के मार्ग को नहीं सीख सके!
    गरीब लोग अपने परमेश्वर की शिक्षा को नहीं जानते।
इसलिये मैं यहूदा के लोगों के प्रमुखों के पास जाऊँगा।
    मैं उनसे बातें करूँगा।
निश्चय ही प्रमुख यहोवा के मार्ग को समझते हैं।
    मुझे विश्वास है कि वे अपने परमेश्वर के नियमों को जानते हैं।”
किन्तु सभी प्रमुख यहोवा की सेवा करने से इन्कार करने में एक साथ हो गए।

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