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18 हमारे पशु भूख से कराह रहे हैं। हमारे मवेशी खोये—खोये से इधर—उधर घूमते हैं। उनके पास खाने को घास नहीं हैं। भेड़ें मर रही हैं। 19 हे यहोवा, मैं तेरी दुहाई दे रहा हूँ। क्योंकि हमारी चरागाहों को आग ने रेगिस्तान बना दिया है। बगीचों के सभी पेड़ लपटों से झुलस गये हैं। 20 जंगली पशु भी तेरी सहायता चाहते हैं। नदियाँ सूख गयी हैं। कहीं पानी का नाम नहीं! आग ने हमारी हरी—भरी चरागाहों को मरूभूमि में बदल दिया है।

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