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17 उनके मन की बातें जानकर मसीह येशु ने उनसे कहा, “कोई भी राज्य, जिसमें फूट पड़ चुकी है, नाश हो जाता है और जिस परिवार में फूट पड़ चुकी हो, उसका नाश हो जाता है. 18 यदि शैतान अपने ही विरुद्ध काम करने लगे तो उसका राज्य स्थिर कैसे रह सकता है? मैं ये सब इसलिए कह रहा हूँ कि तुम यह दावा कर रहे हो कि मैं प्रेतों को शैतान की सहायता से निकाला करता हूँ. 19 अच्छा, यदि मैं प्रेतों को शैतान की सहायता से निकाला करता हूँ, तब तुम्हारे शिष्य उन्हें किसकी सहायता से निकाला करते हैं? परिणामस्वरूप तुम्हारे ही शिष्य तुम पर आरोप लगाएँगे.

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