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15 इसलिए वह उसी देश के एक नागरिक के यहाँ चला गया जिसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने भेज दिया. 16 वह सूअरों के चारे से ही अपना पेट भरने के लिए तरस जाता था. कोई भी उसे खाने के लिए कुछ नहीं देता था.

17 “अपनी परिस्थिति के बारे में होश में आने पर वह विचार करने लगा: ‘मेरे पिता के कितने ही सेवकों को अधिक मात्रा में भोजन उपलब्ध है और यहाँ मैं भूखा मर रहा हूँ!

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