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15 उन्हें सम्बोधित करते हुए मसीह येशु ने कहा, “तुम स्वयं को अन्यों के सामने धर्मी रूप में प्रस्तुत करते हो किन्तु परमेश्वर तुम्हारे हृदय को जानते हैं. वह, जो मनुष्यों के सामने महान है, परमेश्वर की दृष्टि में घृणित है.

परमेश्वर के राज्य का वर्णनीय प्रसार

16 “व्यवस्था और भविष्यवाणियां बपतिस्मा देने वाले योहन तक प्रभाव में थीं. उसके बाद से परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया जा रहा है और हर एक इसमें प्रबलता से प्रवेश करता जा रहा है.

17 “स्वर्ग और पृथ्वी का खत्म हो जाना सरल है बजाय इसके कि व्यवस्था का एक भी बिन्दु व्यर्थ प्रमाणित हो.

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