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55 पीछे मुड़ कर मसीह येशु ने उन्हें डाँटा, “तुम नहीं समझ रहे कि तुम यह किस मतलब से कह रहे हो. 56 मनुष्य का पुत्र इन्सानों के विनाश के लिए नहीं परन्तु उनके उद्धार के लिए आया है” और वे दूसरे नगर की ओर बढ़ गए.

प्रेरितों के बुलाए जाने पर पीछे चलने का कठिन कार्य

(मत्ति 8:18-22)

57 मार्ग में एक व्यक्ति ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए उनसे कहा, “आप जहाँ कहीं जाएँगे, मैं आपके साथ रहूँगा.”

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