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16 “कोई गवाह किसी व्यक्ति को झूठ बोलकर और यह कहकर कि उसने अपराध किया है उसे हानि पहुँचाने की कोशिश कर सकता है। 17 यदि ऐसा होता है तो आपस में वाद करने वाले व्यक्तियों को यहोवा के आवास पर जाना चाहिए और उनके मुकदमे का निर्णय याजकों एवं उस समय के मुख्य न्यायाधीशों द्वारा होना चाहिए। 18 न्यायाधीशों को सावधानी के साथ प्रश्न पूछने चाहिए। वे पता लगा सकते हैं कि गवाह ने दूसरे व्यक्ति के खिलाफ झूठ बोला है। यदि गवाह ने झूठ बोला है तो,

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